Tuesday, July 8, 2014

SHRI RAJENDRA DAS JI MAHARAJ BHAKTAMAL KATHA

3 comments:

  1. बिप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार ! निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गो पार !

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  2. ॐ श्री परमात्मने नमः

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  3. ॐ श्री परमात्मने नमः

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